भांग रगड़ के पिया करो
पल्ला: भांग रगड़ के पिया करो, मस्ती में झूम नाचो रे, शिव भगवान की भक्ति में, खो जाओ सारे गम नाचो रे।
चौपाई:
बर्फ सी ठंडी है भांग, पिए तो मिटे सारे तमाम, मन की मलिनता दूर करे, दे दे शांति सुख का धाम।
पल्ला: भांग रगड़ के पिया करो, मस्ती में झूम नाचो रे, शिव भगवान की भक्ति में, खो जाओ सारे गम नाचो रे।
चौपाई:
त्रिनेत्रधारी भगवान शिव, दयालु हैं अतिशय, भांग चढ़ाकर उनको मनाओ, पूरी करो सारी इच्छाएं।
पल्ला: भांग रगड़ के पिया करो, मस्ती में झूम नाचो रे, शिव भगवान की भक्ति में, खो जाओ सारे गम नाचो रे।
चौपाई:
डमरू बजे, शंख बजे, नृत्य करें देवगण, भांग की खुशबू से महके, है कैलाश पर्वत का मगन।
पल्ला: भांग रगड़ के पिया करो, मस्ती में झूम नाचो रे, शिव भगवान की भक्ति में, खो जाओ सारे गम नाचो रे।
अंतरा:
भोलेनाथ की भक्ति में, खो जाओ तन मन धन, भांग रगड़ के पिया करो, मिल जाएगी मोक्ष धन।
पल्ला: भांग रगड़ के पिया करो, मस्ती में झूम नाचो रे, शिव भगवान की भक्ति में, खो जाओ सारे गम नाचो रे।
यह भजन आप अपनी पसंद के अनुसार राग और ताल में गा सकते हैं।
नोट:
- यह भजन केवल मनोरंजन के लिए है।
- भांग का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- अधिक मात्रा में भांग का सेवन हानिकारक हो सकता है।